मूलांक प्राप्त करने या मूलांक बनाने की विधि

मूलांक क्या है और यह किस प्रकार जाना जा सकता है इसके बारे में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं। इन महत्वपूर्ण तथ्यों द्वारा मूलांक ज्ञात किया जा सकता है। अपने बारे में जानने का और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का अंक ज्योतिष एक सरल व सुगम माध्यम बनता है।

अंकज्योतिष के अनुसार भविष्यफल बताने के लिए एक अहम अंक मूलांक कहलाता है। यह अंक मनुष्य के चरित्र और भविष्य से जुड़े कई सवालों का जवाब दे पाने में समर्थ होता है। 

कई बार हमें जन्म का समय या स्थान मालूम नहीं होता। ऐसे में कुंडली बना पाना कठिन हो जाता है। मूलांक उन लोगों के लिए एक सटीक आधार है। अपने बारे में जानने का और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का अंक ज्योतिष एक सरल माध्यम हो सकता है। 

मूलांक व्यक्ति कि जन्म की तारीख का योग है अर्थात जिस तारीख या तिथि को आपका जन्म हुआ होगा उस तारीख का जोड़ या योग ही उस व्यक्ति का मूलांक होता है। मूलांक को प्राप्त करके अंक शास्त्र द्वारा मनुष्य के स्वभाव एवं उसकी विशेषताओं का पता लगा सकता है। मूलांक से हम जान सकते हैं कि व्यक्ति जन्म के समय क्या था, किन गुणों से वह युक्त होगा तथा उसके भीतर कौन सी कमियाँ हो सकती हैं।

मूलांक का अर्थ है आपके जन्म की तारीख। यानि यदि आपका जन्म 2 मार्च को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। मूलांक हमारे स्वभाव, प्रकृति, गुण,दोष आदि के बारे बताता है। हमारे लिए जीवन में क्या उपयोगी है और क्या अनुपयोगी, यह मूलांक से ही जाना जाता है। यह आपके मित्र और शत्रुओं के बारे में भी बताता है। आपके करियर, जीवनसाथी, कार्यक्षेत्र और भाग्योदय की भी जानकारी देता है। मूलांक 1 से 9 तक माने जाते हैं। जिन लोगों का जन्म 9 से अधिक संख्या वाली तारीख को हुआ है वे अपने जन्मदिनांक को आपस में जोड़कर मूलांक पा सकते हैं।

अंक शास्त्र में मूलांक का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। अंक शास्त्र में केवल अंकों के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के बारे में  सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए जाते हैं। अंक शास्त्र कि मूलांक विधि द्वारा सरलता पूर्वक कई बातों का पता लगाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में हमे किसी व्यक्ति के विषय में बताने के लिए उसकी जन्म तिथि तथा जन्म स्थान का सहारा लेना पड़ता है।

अंकों का हमारे जीवन पर बहुत अधिक महत्व होता है। हमारा पूरा जीवन अंकों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। हर किसी की कोई न कोई जन्म तारीख, जन्म का महीना, और जन्म का वर्ष होता है। हम किसी न किसी तारीख को पहली बार स्कूल जाते हैं। किसी वर्ष हम कॉलेज में टॉप करते हैं तो किसी वर्ष अच्छे नंबर नहीं आते। ये अंकों का खेल ही तो है। कोई तारीख लकी होती है, तो कोई नहीं| कोई तारीख किसी एक के लिए अच्छी है परन्तु दूसरे के लिए नहीं। तो हम कैसे जानें की कौन सा दिन, तारीख, और साल हमारे लिए अच्छा है।  हमारी नौकरी लगने की तारीख, शादी की तारीख, या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की तारीखें एक सी होती हैं। और यदि अच्छा नहीं है तो कैसे अच्छा बना सकते हैं – अंकविज्ञान की मदद से। आईये जानें कि कैसे।

लेकिन कई बारे जन्म का समय या स्थान सही ज्ञात नहीं होता या मालूम ही नहीं होता ऐसे में ज्योतिष के माध्यम से जन्म कुंडली बनाना एक बहुत मुश्किल कार्य होता है। अत: ऐसे समय में अंक शास्त्र द्वारा मूलांक विधि से उन लोगों के लिए एक सटीक आधार तैयार किया जा सकता है तथा उनके विषय में अनेक बातें भी बताई जा सकती हैं।

मूलांक प्राप्त करने की विधि - या - मूलांक बनाने की विधि

अगर किसी जातक का जन्म 23 तारीख को हुआ हो तो उसका मूलांक होगा 2 + 3 = 5 (मूलांक 5)। इसी तरह  किसी का जन्म 29 तारीख को हुआ हो तो उसका मूलांक होगा 2 + 9 = 11 = 1 + 1 = 2 (मूलांक 2)। इसी तरह अन्य मूलांक आपस में जोड़कर निकाले जा सकते हैं। 

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