कार्तिक मास की त्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था,धनतेरस के ही दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लिए हुए प्रकट हुए थे,ये तीनों लोक के स्वामी भगवान विष्णु का ही स्वरुप हैं,इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है,चूंकि भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हाथ में कलश लिए हुए हुआ था,कलश हर तरह से सम्पन्नता व् समृद्धि का प्रतिक हैं,इसी लिए धन्वंतरि जयन्ती अथवा धनतेरस के शुभ दिन कोई बर्तन या वस्तु खरीदने की परम्परा है ।
मान्यता है कि धनतेरस के दिन वस्तु खरीदने से धन में तेरह गुना वृद्धि होती है,इस दिन सभी सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए भगवान धन्वंतरि का पूजन करते हैं और घर के मुख्य द्वार पर दीप भी  प्रज्जवलित करते हैं, इस दिन जातक सोना,चांदी,पीतल,तांबा या स्टील आदि की अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्तुएं खरीदते हैं।

धनतेरस का महत्व 
साथ ही इस दिन नये उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ रहता है. शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्यों की पूजा की जाती है. सात धान्य गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर है. सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रुप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है. इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्ध के रुप में श्वेत मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है. साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी का पूजन करने का विशेष महत्व है।
धन त्रयोदशी के दिन देव धनवंतरी देव का जन्म हुआ था. धनवंतरी देव, देवताओं के चिकित्सकों के देव है. यही कारण है कि इस दिन चिकित्सा जगत में बडी-बडी योजनाएं प्रारम्भ की जाती है. धनतेरस के दिन चांदी खरीदना शुभ रहता है।

सांय काल में शुभ महूर्त 
प्रदोष काल का समय 17:31 से 20:04 तक रहेगा, स्थिर लग्न 18:10 से 20:09 तक रहेगा. धनतेरस की पूजा के लिए उपयुक्त समय 18:10 से 20:04 के मध्य तक रहेगा

धन तेरस पूजन 
धन तेरस की पूजा शुभ मुहुर्त में करनी चाहिए. सबसे पहले तेरह दीपक जला कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करना चाहिए. देव कुबेर का ध्यान करते हुए, भगवान कुबेर को फूल चढाएं और ध्यान करें, और कहें, कि हे श्रेष्ठ विमान पर विराजमान रहने वाले, गरूडमणि के समान आभावाले, दोनों हाथों में गदा व वर धारण करने वाले, सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृ्त शरीर वाले, भगवान शिव के प्रिय मित्र देव कुबेर का मैं ध्यान करता हूँ।

इसके बाद धूप, दीप, नैवैद्ध से पूजन करें

मंत्र का जाप करें.
'यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।'

धनतेरस की कथा 
एक किवदन्ती के अनुसार एक राज्य में एक राजा था, कई वर्षों तक प्रतिक्षा करने के बाद, उसके यहां पुत्र संतान कि प्राप्ति हुई. राजा के पुत्र के बारे में किसी ज्योतिषी ने यह कहा कि, बालक का विवाह जिस दिन भी होगा, उसके चार दिन बाद ही इसकी मृ्त्यु हो जायेगी।
ज्योतिषी की यह बात सुनकर राजा को बेहद दु:ख हुआ, ओर ऎसी घटना से बचने के लिये उसने राजकुमार को ऎसी जगह पर भेज दिया, जहां आस-पास कोई स्त्री न रहती हो, एक दिन वहां से एक राजकुमारी गुजरी, राजकुमार और राजकुमारी दोनों ने एक दूसरे को देखा, दोनों एक दूसरे को देख कर मोहित हो गये, और उन्होने आपस में विवाह कर लिया।
ज्योतिषी की भविष्यवाणी के अनुसार ठीक चार दिन बाद यमदूत राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचें. यमदूत को देख कर राजकुमार की पत्नी विलाप करने लगी. यह देख यमदूत ने यमराज से विनती की और कहा की इसके प्राण बचाने का कोई उपाय बताईयें. इस पर यमराज ने कहा की जो प्राणी कार्तिक कृ्ष्ण पक्ष की त्रयोदशी की रात में जो प्राणी मेरा पूजन करके दीप माला से दक्षिण दिशा की ओर मुंह वाला दीपक जलायेगा, उसे कभी अकाल मृ्त्यु का भय नहीं रहेगा. तभी से इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाये जाते है।


धनतेरस पर खरीदें 5 रुपए की यह चीज, बताएगी आपको पूरे साल का भविष्य
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बरतन एवं धातु का सामान खरीदना शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इससे साल भर आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है।
इसलिए आप हर साल धनतेरस के मौके पर कुछ न कुछ जरूर खरीदते हैं। बावजूद इसके कोई साल ऐसा होता है कि आपको पूरे साल धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आप चाहें तो धनतेरस के दिन एक टोटका करके यह जान सकते हैं कि आने वाले साल में आपकी आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी। इसके लिए आपको सिर्फ पांच रुपए खर्च करने होंगे।
धनतेरस के दिन पांच रुपए का साबुत धनिया खरीदें। इसे संभालकर पूजा घर में रख दें।
दीपावली की रात लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें। माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है।
धनिया का पौधा हरा भरा लेकिन पतला है तो सामान्य आय का संकेत होता है। पीला और बीमार पौधा निकलता है या पौधा नहीं निकलता है तो आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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